Ganesh Chaturthi 2023 : गणेश चतुर्थी का उत्सव देश भर में हर साल बड़े ही हर्षो उल्लास के साथ मनाया जाता है, जिसमें भगवान श्री गणेश की पूजा-आराधना की जाती है। यह उत्सव हिन्दू धर्म का अनुसरण करने वाले लोगों द्वारा मनाया जाता है।
इस दिन भगवान श्री गणेश की मूर्तियों को स्थापित किया जाता है, पूजा-अर्चना की जाती है, और मिठाई और प्रसाद बांटे जाते हैं। इस पर्व का मुख्य उद्देश्य भगवान श्री गणेश जी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करना होता है।
यह त्योंहार भारत में मुख्य रूप से महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र आदि में मनाया जाता है इस वर्ष गणेश चतुर्थी 19 सितंबर 2023 मंगलवार को है।
त्योहार के पहले दिन से ही लोग अपने घरों में भगवान श्री गणेश जी की मूर्तियां स्थापित कर गणपति बप्पा का स्वागत करते हैं। उन्हें सजाते हैं, उनकी पूजा करते हैं ओर फिर 11वें मूर्तियों को पानी में विसर्जित कर उन्हें विदा कर देते हैं।
गणेश उत्सव पर मूर्तियों को पूजा के लिए घर में रखने की अवधि पूरी तरह से भक्तों पर निर्भर करती है। इस त्योहार को मनाने के पीछे कई कहानियां और मान्यताएं भी हैं।
तो आइए दोस्तों आज जानने का प्रयास करते हैं गणेश चतुर्थी के शुभ मुहूर्त व पूजन सामग्री और गणेश स्थापना और विसर्जन के शुभ मुहूर्तों के बारे में।
Ganesh Chaturthi Kab hai | गणेश चतुर्थी कब है ?
गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त – हिंदू पंचांग अनुसार, इस साल 2023 में गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त की शुरुआत सोमवार 18 सितंबर 2023 को दोपहर 2 बजकर 09 मिनट पर होगी, जो की मंगलवार 19 सितंबर के दिन दोपहर के 03 बजकर 13 मिनट तक रहेगा।
गणेश चतुर्थी 2023 मूर्ति स्थापना मुहूर्त – हिंदू पंचांग अनुसार, इस साल मंगलवार 19 सितंबर 2023 के दिन भगवान श्री गणेश की मूर्ति स्थापित करने का शुभ समय बताया गया गया।
घर पर स्थापना और पूजा के मुहूर्त…
• सुबह: 9.30 से 11 बजे तक
• सुबह 11.25 से दोपहर 2 बजे तक
दुकान, ऑफिस और फैक्ट्री के मुहूर्त
• सुबह 10 बजे से 11.25 तक
• दोपहर 12 बजे से 1.20 तक
गणेश चतुर्थी कैसे मनाई जाती है?
गणेश चतुर्थी का उत्सव हमारी परंपरा और संस्कृति का एक प्रमुख त्योहार है जिसे पूरे भारत भर में और विदेशों में हिंदू धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाता है सामान्य तौर पर इस दिन लोग भगवान श्री गणेश की मूर्ति अपने घर लाते हैं और 10 दिनों तक पूजा करते हैं और 11वें दिन भव्य विसर्जन होता है।
किसी पवित्र जलाशय में भगवान श्री गणेश का यह विसर्जन एक संगीतमय और रंगीन जुलूस के साथ किया जाता है। बड़े शहरों में में गणेश चतुर्थी का बड़े ही भव्य तरीके से आयोजित किया जाता है, वे भगवान गणेश की विशाल आकार की मूर्तियाँ लाना पसंद करते हैं और 11 दिनों तक संगीत, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम रखते हैं। और सभी लोग अपने प्रियजनों के साथ गणेश चतुर्थी के इस उत्सव में बड़ी उत्सुक से भाग लेते हैं।
मूल रूप से भारत में गणेश चतुर्थी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु राज्यों में बड़े स्तर पर मनाई जाती है।
क्षेत्र अलग-अलग होने के कारण इस त्योहार को मनाने या पूजा करने के तरीके में थोड़ा बदलाव नजर आ सकता है। महाराष्ट्र अपने गणेशोत्सव के लिए प्रसिद्ध है।
सार्वजनिक रूप से गणेश उत्सव
युवाओं के स्थानीय समूह, लोगों का संघ या क्लब या व्यापारियों का एक समूह बड़े पैमाने पर गणेश उत्सव का आयोजन करता है। कही कही पर जनता से धन इकट्ठा किया जाता है या अमीर वर्ग द्वारा दान दिया जाता है।
फिर भगवान श्री गणेश की मूर्तियों को मंडपों या पंडालों में लाया जाता है और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला का पालन किया जाता है।
यदि क्लबों या समूहों द्वारा ये उत्सव आयोजित किया जाता है तो मुफ्त चिकित्सा जांच, रक्तदान शिविर, गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, मिठाई और कपड़ों का वितरण भी इस त्योहार का हिस्सा बनता है।
घर पर गणेश उत्सव
गणेश चतुर्थी पर घरों में पूजा करने के लिए भगवान श्री गणेश की छोटी और रंगीन मिट्टी की मूर्तियाँ स्थापित करते हैं। सुबह और शाम के पूजा सत्र के दौरान फूल और मोदक चढ़ाए जाते हैं।
परिवार तय करते हैं कि गणेश उत्सव कब ख़त्म करना है और यह स्पष्ट रूप से भिन्न होता है। यदि घर पर गणेश की पूजा की जाती है, तो मेजबान की इच्छा के आधार पर त्योहार 3, 5, 7 या 11 दिनों के बाद समाप्त हो सकता है।
गणेश विसर्जन मुहूर्त 2023
जो लोग गणेश उत्सव पर 3, 5 या 7वें दिन गणपति विसर्जन करना चाहते हैं उनके लिए मुहूर्त नीचे दिए बताया गया हैं….
• गुरुवार, 21 सितंबर 2023 – सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक| | शाम 5 से 6.30 तक
• शनिवार 23 सितंबर 2023 – सुबह 7.30 से 9 बजे तक | दोपहर 12.30 से शाम 5 बजे तक
• सोमवार 25 सितंबर 2023 – सुबह 9.30 से 11 बजे तक | दोपहर 2 से शाम 6.30 तक
गणपति स्थापना कैसे करें?
• इस दिन सूर्योदय से पहले नहाकर नए कपड़े पहनें। पूजा स्थान पर पूर्व दिशा की तरफ मुंह रखकर पवित्र आसन पर बैठें और गणेश स्थापना का संकल्प लें।
• अपने सामने चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाएं। उस पर चावल रखें। फिर तांबे के चौड़े बर्तन में चंदन या कुमकुम से स्वस्तिक बनाकर उसे चौकी पर रख दें।
• इस बर्तन में स्वस्तिक पर फूलों की पंखुड़ियां बिछाएं और उन पर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें। फिर संकल्प लेकर पूजा शुरू करें।
भगवान श्री गणेश की पूजा विधि
पूजा शुरू करने से पहले ये मंत्र बोले…
ऊं गं गणपतये नमः मंत्र बोलते हुए पूरी पूजा करें।
गणेशजी की मिट्टी की मूर्ति पर पहले जल, फिर पंचामृत की कुछ बूंदे डालें। फिर जल छिड़कें। धातु की मूर्ति हो तो अभिषेक करें।
मूर्ति पर मौली चढ़ाकर वस्त्र पहनाएं। फिर जनेऊ, चंदन, चावल, अबीर, गुलाल, कुमकुम, अष्टगंध, हल्दी और मेहंदी चढ़ाएं।
इत्र और हार-फूल चढ़ाएं। गुड़ और दूर्वा चढ़ाकर
धूप-दीप अर्पित करें। पूजा शुरू करें।
ऋतुफल, सूखे मेवे, मोदक या अन्य मिठाई का नैवेद्य लगाकर भगवान को आचमन के लिए मूर्ति के पास ही बर्तन में 5 बार जल छोड़ें।
पान के पत्ते पर लौंग-इलाइची रखकर भगवान को अर्पित करें और दक्षिणा चढ़ाएं। फिर आरती करें।
अगर आप इतनी सारी चीजों से पूजन न कर पाएं तो इसके लिए यह छोटी पूजा विधि भी अपना एक्ट है ?
- चौकी पर स्वास्तिक बनाकर चुटकी भर चावल रखे।
- उस पर मौली लपेटी हुई सुपारी रखें। इन सुपारी से श्री गणेश की पूजा करें।
- यदि य भी न हो पाए तो श्रद्धा से केवल मोदक व दूर्वा चढ़ाकर प्रणाम करने से भी भगवान श्री गणेश की कृपा रहती है।
यदि किसी वजह से श्री गणेश स्थापना ओर पूजा न कर पाएं तो क्या करें….…
पूरे गणेशोत्सव में हर दिन गणपति के सिर्फ 3 मंत्र का जाप करने से भी पुण्य मिलता है। सुबह नहाने के बाद श्री गणेश जी के नीचे दिए गए मंत्रों को पढ़ कर प्रणाम कर के ऑफिस, दुकान या फिर किसी भी काम के लिए जाए।
गणपति पूजा से जुड़ी ध्यान रखने वाली कुछ बातें
• भगवान श्री गणेश जी की मूर्ति पर तुलसी या शंख से जल नहीं चढ़ाए।
• दूर्वा व मोदक के बिना भगवान श्री गणेश की पूजा अधूरी रहती है।
• गणपति के पसंदीदा फूल : कनेर मल्लिका, चम्पा, कमल, मौलश्री, गेंदा व गुलाब है।
• भगवान श्री गणेश के पसंदीदा पत्ते – शमी, दूर्वा, धतूरा, कनेर, केला, बेर, मदार व बिल्व पत्र हैं।
• श्री गणेश पूजा में नीले या काले रंग के कपड़े नही पहनना चाहिए।
• चमड़े की चीजें बाहर रखकर श्री गणेश की पूजा करें व भगवान को अकेले कभी न छोड़ें।
• श्री गणेश स्थापना के बाद मूर्ति को इधर-उधर न रखें, यानी हिलाएं डुलाये नहीं।
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Ganesh Chaturthi 2023 – गणेश चतुर्थी कब है?
इस वर्ष, साल 2003 को ये भव्य उत्सव 19 सितंबर, मंगलवार को शुरू होगा और 29 सितंबर, शुक्रवार को समाप्त होगा। अगले आने वर्षों के लिए गणेश चतुर्थी महोत्सव की तारीखें जानने के लिए नीचे दी गई सूची देखें:-
• साल 2023 – मंगलवार 19 सितम्बर | 29 सितम्बर
• साल 2024 – शनिवार 7 सितम्बर |17 सितम्बर
• साल 2025 – बुधवार 27 अगस्त | 6 सितम्बर
• साल 2026 – सोमवार 14 सितम्बर | 24 सितंबर