Genral Bipin Rawat Biography – नमस्कार दोस्तों, आज हम यहां CDS Genral Bipin Rawat की जीवनी के साथ हैं, जो दुर्भाग्य से अब हमारे साथ नहीं हैं। जनरल बिपिन रावत भारत के पहले सीडीएस थे।
8 दिसम्बर 2021, बुधवार दोपहर को देश एक दुर्घटना की खबर सुनकर सन्न रह गया था। कुछ घंटे बाद जब घटना की हकीकत सामने आई उसके बाद देश की आंखें नम हो गईं।
तमिलनाडु के कुन्नूर के जंगलों में भारतीय सेना का एक MI-17 Helicopter Crash हुआ था। इसमें जनरल रावत के साथ उनकी पत्नी डॉ मधुलिका रावत व अन्य रक्षाकर्मी सवार थे।
पहाड़ी और जंगली इलाके में हुए इस हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ Genral Bipin Rawat व उनकी पत्नी मधुलिका समेत 14 लोगों का निधन हो गया था।
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CDS Genral Bipin Rawat Biography
Genral Bipin Rawat Bio – जनरल बिपिन रावत भारत के पहले सीडीएस थे, यानी की चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ उन्हें 1 जनवरी 2020 को इस पद के लिए नियुक्त किया गया था।
भारत के उत्तराखंड राज्य के पौड़ी गढ़वाल में 16 मार्च 1958 को चौहान राजपुत परिवार में जन्म लेने वाले है, सीडीएस General Bipin Rawat का परिवार चार पीढ़ियों से Indian Army में अपनी सेवा दे रहा है।
उनकी पत्नी डॉ. मधुलिका रावत राष्ट्र की सेवा में उनकी निरंतर सहायता करती रही हैं वह AWWA यानी की आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष थीं।

उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से Psychology में स्नातक की पढ़ाई पूरी की और सेना की विधवाओं, कैंसर रोगियों, विकलांग बच्चों और अन्य लोगों के लिए काम करने वाले कई सामाजिक अभियानों और कार्यक्रमों का हिस्सा रहीं।
सीडीएस जनरल बिपिन रावत के बारे में ?
जन्म | 16 मार्च 1958 (पौड़ी, उत्तराखंड) |
निधन | 8 दिसंबर 2021 (कुन्नूर, तमिलनाडु) |
उम्र | 63 साल |
पत्नी | मधुलिका रावत |
पिता | Lt. General लक्ष्मण सिंह रावत |
सेवा | 16 दिसंबर 1978 से 8 नवंबर 2021 तक |
पुरस्कार |
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Genral Bipin Rawat Family | जनरल बिपिन रावत परिवार
जनरल बिपिन रावत व मधुलिका रावत की दो बेटियां हैं जिनमे से एक का नाम कृतिका रावत हैं।
बिपिन रावत के पिता का नाम लक्ष्मण सिंह रावत ने इंडियन आर्मी की सेवा की और वह लेफ्टिनेंट जनरल के पद तक पहुंचे। दूसरी ओर, रावत की मां उत्तरकाशी के किशन सिंह परमार ( पूर्व विधायक ) की बेटी थीं।
रावत के पूर्वज मायापुर/हरिद्दार से आकर गढ़वाल के परसई गांव में बसे इसके कारण वह परसारा रावत कहलाए। दरअसल, रावत एक मिलेट्री टाइटल है जो की राजपूतों को गढ़वाल के शासकों ने दिए थे।
CDS Genral Bipin Rawat शिक्षा & करियर
जनरल बिपिन रावत ने अपनी औपचारिक शिक्षा देहरादून के Cambrian Hall School और शिमला के St. Edward’s School में प्राप्त की और बाद में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून में शामिल हो गए, जहाँ उन्हें Sword Honorary से सम्मानित किया गया।
उन्होंने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (DSSC), Wellington और United States आर्मी स्टाफ एंड कमांड कॉलेज, Fort Leavenworth, Kansas के सीनियर कमांड कोर्स से भी स्नातक किया।
उन्होंने मद्रास यूनिवर्सिटी से डिफेंस स्टडीज में MPhil, मैनेजमेंट में डिप्लोमा और वह कम्प्यूटर स्टडीज में भी डिप्लोमा किया।
उन्हें पीएच.डी. से सम्मानित किया गया था। साल 2011 में, उन्हें सैन्य-मीडिया सामरिक अध्ययनों पर अनुसंधान के लिए चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी, मेरठ की ओर से Doctorate of Philosophy से सम्मानित किया गया।
Military Career CDS Genral Bipin Rawat
- 16 दिसंबर 1978 को, सीडीएस जनरल बिपिन रावत को 11 गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन को सौंपा गया था, जो उनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत के समान थी।
- CDS Genral Bipin Rawat ने आतंकवाद विरोधी अभियानों में 10 साल व्यतीत किए थे वह सीडीएस के लिए विभिन्न बड़ी कंपनियों में काम किया था।
- मेजर के पद पर रहते हुए सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने उरी, जम्मू और कश्मीर में एक कंपनी की कमान संभाली। उन्होंने कर्नल के रूप में किबिथू में LAC के साथ अपनी बटालियन की कमान संभाली।
- Brigadier के पद पर पदोन्नत होने के बाद, उन्होंने Congo लोकतांत्रिक गणराज्य (MONUSCO) में Chapter VII Mission के दौरान सोपोर में राष्ट्रीय राइफल्स के Sector 5 व बहुराष्ट्रीय Brigade की कमान संभाली थी।
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- जनरल बिपिन रावत ने उरी में 19वें Infantry Division के कमांडिंग जनरल की भूमिका संभाली जब उन्हें मेजर जनरल के पद पर पदोन्नत किया गया।
- एक लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में, वह पुणे में दक्षिणी सेना की कमान लेने से पहले दीमापुर में स्थित III कोर की कमान संभालते हैं।
- सेना कमांडर के पद पर पदोन्नत होने के बाद, उन्होंने दक्षिणी कमान के कमांडर जनरल (GOCinC) का पद ग्रहण किया। इसके तुरंत बाद, उन्हें सेना के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ के पद पर पदोन्नत किया गया।
- साल 2016 में 17 दिसंबर को भारत सरकार द्वारा सीडीएस Genral Bipin Rawat को थल सेना का 27वां Chief of Staff नियुक्त किया गया था वह इन्होंने 31 दिसंबर, 2016 को पदभार ग्रहण किया था।
- जनरल रावत राज्य समिति के प्रमुखों-भारतीय सेना के मेजर के 57वें व अंतिम अध्यक्ष थे।
- 30 दिसंबर, 2019 को पहली सीडीएस की नियुक्ति की और 1 जनवरी, 2020 को पदभार ग्रहण किया था।
रैंक | नियुक्ति की तारीख |
Second Lieutenant | 16 दिसंबर 1978 |
Lieutenant | 16 दिसंबर 1980 |
Captain | 31 जुलाई 1984 |
Major | 16 दिसंबर 1989 |
Lieutenant Colonel | 1 जून 1998 |
Colonel | 1 अगस्त 2003 |
Brigadier | 1 अक्टूबर 2007 |
Major General | 20 अक्टूबर 2011 |
Lieutenant General | 1 जून 2014 |
General (COAS) | 1 जनवरी 2017 |
General (CDS) | 30 दिसंबर 2019 |
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ : पूर्व सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को साल 2019 में देश का पहला सीडीएस नियुक्त किया गया था। वे इस पद पर 65 साल की उम्र तक रहने वाले थे।
इस पद को बनाने का उद्देश्य यह है कि Army, Navy व Airforce में सही तरीके से और इफेक्टिव कोऑर्डिनेशन किया जा सके।
इन पदों पर रहे बिपिन रावत
- ब्रिग्रेड कमांडर
- जनरल ऑफिसर कमांडिंग In Chief Southern Command
- जनरल स्टाफ ऑफिसर : Grade 2 Military Operations Directorate
- कर्नल मिलिट्री सेक्रेट्री एंड डिप्टी मिलिट्री सेक्रेटरी
- सीनियर इंस्ट्रक्टर इन जूनियर कमांड विंग
- कमांडर यूनाइटेड नेशन्स Peacekeeping Force Multinational Brigade
- वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ
- आर्मी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ
ये सम्मान मिले जनरल रावत को
- परम विशिष्ट सेवा मेडल
- उत्तम युद्ध सेवा मेडल
- अति विशिष्ट सेवा मेडल
- युद्ध सेवा मेडल
- सेना मेडल
CDS Genral Bipin Rawat Death | जनरल बिपिन रावत का निधन
भारतीय वायु सेना द्वारा 8 दिसंबर 202 भारतीय सशस्त्र बलों के रक्षा प्रमुख को मृत घोषित कर दिया गया था। वह IAF Mi 175 V5 हेलीकॉप्टर में सवार थे। जो की तमिलनाडु के कुन्नूर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
यह भी जानिए जनरल बिपिन रावत के बारे में ?
मुश्किल हालातों व इमरजेंसी वाले क्षेत्रों में काम करने के मामलों में जनरल बिपिन रावत को बेहद काबिल अफसर माना जाता था, इसी कारण उन्हें कई बार अपने Senior Officers पर उन्हें तरजीह दी गई थी।
उन्होंने म्यांमार में 2015 के सीमा पार ऑपरेशन में व पूर्वोत्तर में आतंकवाद को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
जिसमें भारतीय सेना ने NSCNK उग्रवादियों द्वारा किए गए घात का सफलतापूर्वक जवाब दिया।
मिशन को रावत की देखरेख में III कोर दीमापुर की ऑपरेशनल कमांड द्वारा अंजाम दिया गया था।
जनरल रावत साल 2016 के सर्जिकल हमले की योजना का भी हिस्सा थे, जिसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नियंत्रण रेखा को पार कर लिया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कहा जाता है कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत नई दिल्ली के Southern Block से इस घटनाक्रम की निगरानी कर रहे थे।
जनरल रावत ने सेना के गठन में भी अहम भूमिका निभाई। उन्होंने प्रशासनिक हस्तक्षेप को कम करने, दोहरेपन को कम करने और युद्ध क्षमता को बढ़ाने के लिए सेना के पुनर्गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
जनरल बिपिन रावत ने सेना के आधुनिकीकरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।