Holika And Prahlad Story in Hindi | होलिका प्रह्लाद की कहानी

Holika and Prahlad Story in Hindi : होली का त्योंहार हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक माना जाता है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। वहीं होलिका दहन (Holika Dahan) भी होली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। होली की कथा खासतौर पर प्रहलाद, हिरण्यकश्यप और होलिका से जुड़ी हुई है।

प्रहलाद विष्णु जी का भक्त था। इसी कारण प्रहलाद के पिता असुरों के राजा हिरण्यकश्यप उसे मारना चाहते थे। होलिका ने प्रहलाद को जलाकर मारने का प्रयास किया गया लेकिन वह बच निकला और होलिका जल गई। यह त्योंहार हमें संदेश देता है कि इस दिन सभी को अपनी बुरी आदतों का छोड़ने का संकल्प लेना चाहिए। जिन लोगों से आपकी शत्रुता है, उनसे मित्रता करनी चाहिए..!!

Holika And Prahlad Story in Hindi
Holika And Prahlad Story in Hindi

भारत के अलग अलग क्षेत्रों में होलिका दहन के लिए विभिन्न व्याख्याएं दी गई हैं, लेकिन मुख्यतः उत्तर भारत, नेपाल और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में त्योहार मनाने के लिए होली से एक रात पहले “Holi Dahan” की जाती हैं तो आइए जानते है होली से जुड़ी ये प्रचलित कहानी (Holika And Prahlad Story in Hindi) और होली का जुड़ी कुछ खास संदेश..!!

Holika And Prahlad Story in Hindi

Holika or Prahlad Kahani : कहा जाता है की प्राचीन समय में एक राजा था। वह बड़ा दुष्ट व्यक्ति था। वह घमंडी, लालची और बड़ा ही क्रूर राजा था। उसे ब्रह्मा जी से वरदान प्राप्त था। उसके  राज्य में सभी लोगों को ठीक वैसा ही करना होता था जैसा की उस राजा ने आज्ञा दी थी। उसने अपने लोगों से यहां तक ​​कह दिया था कि वह एक देवता है इसलिए उन्हें उसकी पूजा करनी है। इसी कारण वह अपने बेटे के प्राणों का ही दुश्मन बन बैठा।

राजा का प्रह्लाद नाम का एक पुत्र था, जो की बड़ा ही दयालु था। और भगवान विष्णु का भक्त था। उसके पिता इस बात से बड़े क्रोधित रहते थे। की उसके बेटे उसकी बात नहीं मानता। उसकी पूजा नही करता है। फिर राजा ने आदेश दिया की उसे दंडित किया किया जायेगा।

पिता द्वारा प्रह्लाद को मारने के कई अथक प्रयास किए गए, ऊंची चट्टान से फैकवाया गया, सांपों  के झुंड में छोड़ा गया और हाथियों से कुचलववाया गया लेकिन प्रह्लाद बच निकलता।

राजा की एक बहन जिसका नाम होलिका था, होलिका को आग में न जलने का वरदान मिला था। अब उन्होंने प्रहलाद को आग में जलाकर मारने की कोशिश की थी..!! लेकिन आग से प्रहलाद तो बच गया, लेकिन होलिका जल गई। 

फिर, राजा ने खुद प्रह्लाद को मारने की कोशिश की और भगवान विष्णु नरसिंह के अवतार के रूप में उभरे जो की शेर-नर का अवतार था और दुष्ट राजा हिरण्यकश्यप को मार डाला..!!

प्रह्लाद और होलिका की कहानी जुड़े कुछ खास संदेश..

• घमंड एक ऐसी बुराई है, जिसकी वजह से शक्तिशाली लोग भी बर्बाद हो गए हैं। इससे हमेशा सभी को बचना चाहिए। जैसे राजा को अपनी ताकत का बड़ा घमंड हो गया था लेकिन अंत में उसका भी अंत हुआ।

• हमें अपनी शक्तियों का कभी गलत उपयोग नहीं करना चाहिए। जैसे होलिका को आग में न जलने का वरदान मिला था, लेकिन उसने इस वरदान का गलत उपयोग किया और उसका अंत आग में जलकर हुआ।

• एक दिन बुराई का अंत जरूर होता है, राजा को ब्रह्मा जी से वरदान मिला तो वह खुद को भगवान समझने लगा था। देवता भी उसे पराजित नहीं कर पा रहे थे। इस वजह से वह और अधिक आतंक मचाने लगा था। बाद में भगवान नृसिंह के हाथों उसका अंत हो गया। 

Holika Dahan | होलिका  दहन

होली पर Holika Dahan कार्यक्रम की तैयारी महीनों पहले से ही शुरू हो जाती हैं. होलिका अलाव बनाने के लिए गोबर के उपले और लकड़ियों का एक बड़ा ढेर इकट्ठा किया जाता है। होली से एक दिन पहले शहर के प्रमुख चौराहे पर होलिका दहन के लिए लोगों का जुटना शुरू हो जाता है।

यह महत्वपूर्ण है कि होलिका दहन के दिन एक शुभ समय पर होलिका जलाई जाती है। ऐसा कहा जाता है कि होली के दौरान होलिका पूजा करने से लोगों को अपने डर को दूर करने में मदद मिलती है।

यह अनुष्ठान बुराई पर पुण्य की विजय का प्रतिनिधित्व करता हैं जो शक्ति, धन और भाग्य प्रदान करता है। लोग अग्नि परिक्रमा करते हैं लोग गाते और नृत्य करते हैं। अग्नि के चारों ओर और होलिका की अग्नि की राख को भी उनके माथे पर बुरी छाया को दूर करने के लिए लगाते हैं।

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