India Republic Day Chief Guest 2023 : रिपब्लिक डे यानी की गणतंत्र दिवस भारत में एक राष्ट्रीय पर्व है, जिसे प्रतिवर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। यह उस दिन को चिन्हित करता है जब 26 जनवरी, 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ, इस दिन, भारत की राजधानी नई दिल्ली में एक भव्य परेड आयोजित की जाती है, जिसमें भारत की सांस्कृतिक और सैन्य विरासत का प्रदर्शन किया जाता है।
भारत के राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि हैं, जो नई दिल्ली में आयोजित कि जाती है। परेड और समारोहों में भाग लेने के लिए अन्य गणमान्य व्यक्तियों व अंतर्राष्ट्रीय मेहमानों को भी आमंत्रित किया जाता है।
भारत के राष्ट्रपति के अलावा, गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने वाले अन्य गणमान्य व्यक्तियों में प्रधान मंत्री, मंत्रिमंडल के सदस्य और सशस्त्र बलों के नेता शामिल होते हैं। मुख्य अतिथि के रूप में परेड में भाग लेने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मेहमानों को भी आमंत्रित किया जाता है, गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि अन्य देशों के राज्य या सरकार के प्रमुख होते हैं।
इस साल नई दिल्ली के राजपथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि हैं इजिप्ट यानी की मिस्र के राष्ट्रपति जिनका नाम “अब्देल फतेह अल सिसी” हैं।
जानिए मिस्र के राष्ट्रपति – अब्देल फतेह अल सिसी के बारे में
- साल 1954 में अब्देल फतेह अल सिसी का जन्म हुआ
- साल 1977 में वह मिस्र की सैन्य अकादमी में शामिल हुए। कम अनुभव के बावजूद सेना में तेजी से कद बढ़ा।
- साल 1992 में पढ़ाई के लिए के लिए ब्रिटेन गए।
- साल 2006 में US आर्मी वॉर कॉलेज से मास्टर्स डिग्री प्राप्त की।
- साल 2011 में तत्कालीन राष्ट्रपति होस्नी मुबारक को हटाकर खुद मिलट्री इंटिलेजेंस के हेड बने।
- साल 2012 में मिस्र में डेमोक्रेटिक सिस्टम से पहली बार राष्ट्रपति बने मोहम्मद मुर्सी ने सिसी को पैरामिलिट्री फोर्स का हेड व डिफेंस मिनिस्टर बनाया।
- साल 2013 में देशभर की जनता मुर्सी के खिलाफ सड़कों पर उतर आई। इस बीच सेना ने संविधान निलंबित करते हुए मुर्सी को सत्ता से बाहर कर नजरबंद कर लिया।
- साल 2014 में सिसी को मिस्र सेना का सर्वोच्च पद फील्ड मार्शल पर प्रमोट किया गया। सेना ने राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार के तौर पर पेश किया। ओर अब्देल फतेह अल सिसी ने जोरदार जीत दर्ज कर मिस्र के 6वें के नंबर राष्ट्रपति बने।
क्या आपको पता है- कोविड-19 की शुरुआत से अब तक मिस्र करीब-करीब दिवालिया होता नजर आया है। वहां कुल विदेशी कर्ज 170 अरब डॉलर व महंगाई दर करीब 25% हो चुकी है।
यह सच जान कर कई लोगों के मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बन चुके लेकिन आखिर क्यों इतने अहम मौके पर 2023 Republic Day Chief Guest के तौर पर अब्देल फतेह अल सिसी को ही क्यों चुना है। आज के लेख में हम आपको इसी सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे।
India Republic Day Chief Guest 2023 मिस्र लीडर क्यों ?
भारत की आजादी के बाद का इतिहास देखें तो यह पहली बार होगा की जब इजिप्ट का कोई लीडर भारतीय रिपब्लिड डे सेरेमनी में चीफ गेस्ट बन रहा है। अरब देशों में मिस्र की आबादी करीब 10.93 करोड़ है। वहीं इस्लामिक देशों के संगठन में मिस्र आतंकवाद व कट्टरता के खिलाफ सबसे बड़ी आवाज है। भारत व मिस्र के बीच डिप्लोमैटिक रिश्ते स्थापित हुए 75 साल हो चुके हैं।
अरब देशों में भारतीय लोगों की एक बहुत बड़ी तादाद है। यहां इंडियन डायस्पोरा न सिर्फ मजबूत है, बल्कि उसका काफी सम्मान भी है। सऊदी अरब व यूएई के बाद अब भारत पूरे अरब वर्ल्ड में अपनी साख बनाना चाहता है।
सभी गल्फ देशों व खासतौर पर सऊदी अरब, यूएई व बहरीन से भारत के बहुत अच्छे ताल्लुकात हैं। वहीं इनके इजिप्ट से भी भारत के करीबी रिश्ते हैं। इससे, भारत खाड़ी देशों में बड़ी मिलिट्री, आईटी व टेक्नो पावर बन सकता है। लेकिन यहां चीन भी अपने पैर पसारने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अमेरिका व यूरोपीय देश चाहते हैं कि भारत यहां अपना एक बड़ा रोल प्ले करे। 3.15 अरब डॉलर इन्वेस्ट किए हैं भारत ने मिश्र में, वहीं 50 भारतीय कंपनियां मौजूद हैं मिस्र में।
मिस्र एक भरोसेमंद साथी
वर्तमान में मिस्र के सामने सबसे बड़ी मुश्किल उसकी इकोनॉमी है। हाल ही में उसने IMF से 3 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज लिया था। वहीं सऊदी अरब व यूएई मजबूती से मिस्र के साथ खड़े हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से मिस्र में भोजन का संकट हुआ तो भारत ने 61 हजार टन गेहूं एक्सपोर्ट किया था। सऊदी अरब ने हाल ही में मिस्र को 5 अरब डॉलर नए कर्ज के तौर पर दिये हैं।
मिस्र की करंसी पाउंड में मार्च 2022 से अब तक 50 प्रतिशत की गिरावट आई, लेकिन मिस्र के दोस्त मुल्कों ने उसे डिफॉल्ट नहीं होने दिया। मिस्र की महंगाई दर करीब 25 प्रतिशत हो चुकी है। वहीं दिसंबर 2022 में मिस्र का विदेशी कर्ज 170 अरब डॉलर हो चुका था।
दुनिया के देश मिस्र की खुलकर मदद इसलिए करते हैं, क्योंकि मिस्र को एक भरोसेमंद मुल्क माना जाता है। चाहें आतंकवाद हो या ड्रग स्मगलिंग और कट्टरता के खिलाफ मिस्र बहुत सख्ती से कार्रवाई करता है।