khatna Kyu Karte Hai : मुस्लिम समाज में खतना क्यों कराया जाता है?

Khatna Kyu Karte Hai)- पुरानी रिवाजों व प्रथाओं के नाम पर अमानवीयता के मामले तो आए दिन दुनिया भर से सामने आते रहते हैं, मुस्लिम समाज में प्रचलित खतना प्रथा को भी आप अंधविश्वास का एक सबसे वीभत्स उदहारण कह सकते है, खतना एक प्रथा है, जिसमें महिलाओं के वजाइना के एक हिस्से को किसी धारदार ब्लेड या किसी चाकू से काट कर अलग कर दिया जाता है। कभी-कभी तो जननांग को धागे से सिलकर केवल मूत्र त्याग के लिये एक छोटी सी जगह छोड़ी जाती है।

यह प्रथा दुनिभर के कुछ समुदायों में प्रचलित है, विशेष रूप से अफ्रीका और मध्य पूर्व के कुछ क्षेत्रों में, भारत में बोहरा मुस्लिम समुदाय में यह प्रथा आम है। खतना ज्यादातर एक साल से पन्द्रह साल की उम्र में किया जाता है। इस प्रोसेस में बच्चियों को बहुत अधिक दर्द से गुजरना पड़ता है। अब सबसे बड़ा सवाल ये भी है की खतना करते क्यों है। इसी का जवाब हम आज के लेख में जानने का प्रयास करेंगे।

Khatna Kyu Karte Hai : खतना क्यों करते है?

Khatna kyu karte hai

खतना कराने की वज़हों में सबसे ऊपर है समाज में चली  आ रही पुरानी परंपराएं है, उसके बाद धर्म और फिर साफ-सफाई व बीमारी से बचने आदि के नाम पर लड़कियों का खतना करने की बात बताई जाती है, लेकिन कुछ लोगों द्वारा ऐसे तर्क भी दिये जाते हैं, कि जवान होने पर लड़कियों की सेक्स के प्रति इच्छा कम करने के उद्देश्य से भी खतना किया जाता है।

महिलाओं में खतना कैसे किया जाता है?

खतना के बारें में आम तौर पर यह बताया जाता हैं, कि घर की महिला सदस्या यानी की दादी या मां बच्ची को घुमाने के बहाने खतना के लिए ले जाती हैं। बच्ची को जहां ले जाया जाता है, वहां पहले से 2 से 4 लोग कमरे में मौजूद होते हैं। फिर बच्ची की इच्छा के विरोध एक खास तरह की धारदार ब्लेड चाकू या किसी कैंची से एक ही कट में ‘क्लिटोरिस हुड’ (महिला जननांग का एक हिस्सा) को अलग किया जाता है।

खतना से महिलाओं को कई तरह की मानसिक शारीरिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं। कुछ मामलों में तो खतने के दौरान या उसके बाद अत्यधिक खून बहने से या बैक्टीरियल इन्फेक्शन से बहुत सी बच्चियों की मौत तक हो जाती है। पुराने जमाने में खतना से होने वाली ब्लीडिंग रोकने के लिए ठंडी राख लगा दी जाती थी। वहीं आजकल ब्लीडिंग रोकने के लिए एंटीबायोटिक पाउडर या लोशन या फिर कॉटन का उपयोग किया जाता है।

खतना के बाद ब्लीडिंग रुकने के बाद बच्ची को अपने घर भेजा जाता है। और उसे 4 से 5 दिन खेलने-कूदने से मना कर दिया जाता है। कई बार तो बताया जाता है को हफ्ते भर से भी ज्यादा समय तक लड़की के दोनों पैरों को बांधकर रखा जाता है।

खतना के प्रकार | Khatna Types 

महिलाओं के खतना को अंग्रेजी भाषा में FGM यानी की Female Genital Mutilation कहा जाता हैं। इसमें उन सभी प्रकिया को शामिल किया जाता है, जिनमें बिना किसी मेडिकल जरूरत के महिलाओं के जननांग के बाहरी हिस्से को थोड़ा या फिर पूरा अलग कर दिया जाता है। WHO ने इसे 4 तरीकों से परिभाषित किया है। क्या है ये चार प्रकार आइए जानते है।

खतना पहला टाइप : भारत में दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय में पहले टाइप का खतना किया जाता है। इसमें महिला के वैजाइना के “क्लिटोरिस हुड” को एक धारदार ब्लेड से अलग कर दिया जाता है।

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खतना का पहला प्रकार

खतना का दूसरा टाइप : क्लिटोरिस हुड के साथ ही लैबिया माइनोरा यानी वैजाइना के अंदरूनी लेयर को भी काट दिया जाता है।

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खतना का दूसरा प्रकार

खतना का तीसरा टाइप : एक्सटरनल जेनेटाइल को काटकर वैजाइना की सिलाई कर दी जाती है। सिर्फ यूटिन व पीरियड की ब्लीडिंग के लिए जगह छोड़ दी जाती है।

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खतना का तीसरा प्रकार

खतना का चौथा टाइप: किसी पिन, ब्लेड या फिर कैंची से वैजाइना पर कट लगाया जाता है।

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खतना का चौथा प्रकार

खतना के नुकसान व फायदे

पुरषों में खतना के नुकसान या फायदे: मुस्लिम व यहूदी समुदाय में पैदा हुए लड़कों का खतना किया जाता है। इसमें उनके लिंग की फोरस्किन यानी की उसके ऊपरी भाग की स्किन को काटकर अलग किया जाता है, एक वेबसाइट के लिखे आर्टिकल अनुसार, इस प्रक्रिया दौरान बच्चों को काफी दर्द से गुजरना पड़ता है, लेकिन  7 से 10 दिन में ठीक हो जाता हैं।

लड़कों में खतने के फायदे भी बताए गए हैं। कहा जाता है की खतने से लड़कों की हाइजीन बेहतर होती है। सेक्शुअल ट्रांसमिटेड डिजीज, पेनाइल कैंसर, सर्विकल कैंसर व यूरिनरी ट्रैक इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा लड़कों में प्राइवेट पार्ट से जुड़ी कुछ बीमारियों का इलाज करने के लिए भी लड़कों का खतना किया जाता है।

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महिलाओं में खतने के नुकसान या फायदे: महिलाओं में खतने का कोई मेडिकल फायदा नहीं बताया जाता है, इनका खतना करने से सिर्फ नुकसान ही होता है। WHO के अनुसार महिलाओं को खतना के तुरंत बाद भयंकर दर्द, खून बहना, सूजन, बुखार, इंफेक्शन, घाव ना भरने व शॉक लगने जैसी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

खतना के बाद लंबे समय तक महिलाओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, जो की ये कुछ इस प्रकार हो सकती है..

यूरिनरी ट्रैक का इंफेक्शन, जैसे पेशाब करने में दर्द होना।

• वजाइना में इंफेक्शन होना।

• माहवारी में परेशानी होना।

• बच्चे के जन्म के वक्त दिक्कत होना।

• सेक्स के दौरान परेशानी होना।

• डिप्रेशन, एंग्जाइटी और स्ट्रेस डिसऑर्डर

खतने पर बैन लगवाने के लिए याचिका दायर भी की गई है। एक याचिका में यह बताया गया है की खतना के बाद कई महिलाएं जिंदगी भर Sex ko Enjoy नहीं कर पाती हैं, उन्हें अपने पार्टनर से संबंध बनाते समय दर्द का सामना करना पड़ता है। महिलाओं को मिलने वाले Sexual Pleasure में क्लिटोरिस की अहम भूमिका होती है। अगर खतने के दौरान क्लिटोरिस को नुकसान पहुंचता है, तो इससे महिलाओं की सेक्सलाइफ प्रभावित होती है।

साल 2018 में हुई स्टडी में शामिल महिलाओं में से 33 प्रतिशत महिलाओं ने माना कि खतना की वजह से उनकी सेक्स लाइफ खराब हुई है। इन महिलाओं ने बताया कि उन्हें सेक्स की इच्छा नहीं होती, ना ही सेक्शुअल प्लेजर मिलता व क्लिटोरिस वाले एरिया में ओवर सेंसिटिविटी होती है।

खतना का इतिहास {Khatna ka Itihas}

खतना की शुरुआत को लेकर कई थ्योरियां बताई जाती हैं, एक थ्योरी अनुसार, बताया जाता है की इस्लाम व ईसाई धर्म की शुरुआत से पहले से खतना किया जा रहा है। उस वक्त यह किसी समुदाय, धर्म या नस्ल तक सीमित नहीं था। ग्रीक डॉक्यूमेंट्स में 163 BC में एक महिला का खतना होने के साक्ष्य मिले है।

कई विद्वानों का मानना हैं कि खतना की शुरुआत मिस्र से हुई थी, वह धीरे-धीरे यह अरबी व्यापारियों के जरिये लाल सागर के तटों से जुड़े क्षेत्रों में फैल गया। पहले मिस्र के लोग बाइसेक्शुअल देवताओं में विश्वास करते थे।

उनका मानना था कि महिलाओं की ‘क्लिटोरिस हुड’ पुरुषों का, वह पुरुषों की ‘फोरस्किन’ महिलाओं का प्रतीक है इसलिए वह महिलाओं का खतना करवा कर उनसे पुरुषों के प्रतीक को हटा देते थे। उस समय शादी करने व परिवार की संपत्ति हासिल करने के लिए खतना करवाना जरूरी माना जाता था।

FAQs : khatna {खतना}

सवाल: खतना क्यों करते है?

खतना यहूदियों व मुसलमानों में एक धार्मिक संस्कार होता है, जिसमें लड़का या लड़की पैदा होने के कुछ समय बाद उनके लिंग या वजाइना में से किसी धारदार ब्लेड या चाकू से कट लगाकर आगे की चमड़ी निकाल दी जाती है। इस हिस्से को क्लिटोरिस हुड या फोरस्किन कहा जाता है।

सवाल: क्या भारत में भी खतना होता है?

जी हां, भारत में भी बोहरा मुसलमानों द्वारा खतना किया जाता है, बोहरा मुसलमान यमन से भारत आये थे। यमन में महिलाओं का खतना करने की प्रथा प्रचलित थी। इसलिए बोहरा मुसलमानों के साथ खतना प्रथा भी भारत आ गई। आज दुनिया के 80 प्रतिशत बोहरा मुसलमान भारत मे रहते हैं और खतना प्रथा को अपनाते हैं।

साल 2018 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में दाऊदी बोहरा समुदाय की 7 साल साल या उससे अधिक उम्र की लगभग 75 प्रतिशत बच्चियों का खतना हो चुका है।

सवाल: क्या खतना करना अपराध है?

संयुक्त राष्ट्र ने साल 2012 में एक प्रस्ताव पास कर खतना प्रथा को साल 2030 तक पूरी तरह से खत्म करने का लक्ष्य तय किया है। मिस्र देश जिसे से खतना प्रथा की शुरुआत मानी जाती है। उसने भी साल 2008 में इस प्रथा को बैन कर दिया, लेकिन अभी भी खतना के कई मामले मिस्र से आते रहते हैं। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, बेल्जियम, स्वीडन, डेनमार्क, यूके, अमेरिका व स्पेन समेत कई देशों ने महिलाओं के खतना प्रथा को अपराध घोषित कर चुके हैं।

सवाल: क्या भारत में खतना पर रोक है?

भारत में अभी तक खतन पर कोई रोक नहीं है। इस प्रथा पर रोक लगवाने के लिए साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दर्ज करवाई गई थी, जिसमें कहा गया था कि यह प्रथा महिलाओं के साथ भेदभाव करती है। इस प्रथा से महिलाओं के समानता, प्राइवेसी व पर्सनल लिबर्टी के अधिकार छिन जाते हैं। खतना प्रथा पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई थी।

जवाब: कौन-कौनसे देशों में खतना किया जाता है?

दुनिया के 190 से अधिक देशों में महिलाओं का खतना किया जाता है। यूनिसेफ के एक रिपोर्ट अनुसार, 31 देशों की 20 करोड़ महिलाओं व लड़कियों का खतना हुआ है। इसमें 27 देश तो अफ्रीका महाद्वीप से हैं, यहां 80 प्रतिशत महिलाओं का खतना होता है। हर साल लगभग 30 लाख अफ्रीकन लड़कियों का खतना किया जाता है।

सबसे ज्यादा खतना प्रथा वाले देश (80 प्रतिशत खतना) – सूडान, सोमानिया, मिस्र, माली, सेरा लिओन, इरिट्रिया, जिबूटी, इथियोपिया, बुर्किना फासो, गिनी-बिसाऊ, मॉरिटानिया शामिल है।

कम खतना प्रथा वाले देशों में (30 प्रतिशत खतना) – इंडिया, इंडोनेशिया, अमेरिका, केन्या, नाइजीरिया, सेनेगल शामिल है।

खतने की ओर अधिक जानकारी के लिए लिंक विजित करें… 

https://www.equalitynow.org/resource/female-genital-mutilation-cutting-a-call-for-a-global-response/

https://www.scobserver.in/wp-content/uploads/2021/10/FGM__Indira_Jaising_.pdf

https://www.who.int/news-room/fact-sheets/detail/female-genital-mutilation

https://www.wespeakout.org/images/files/pdf/fgmc_study_results_jan_2018.pdf

https://sahiyo.com/2018/07/21/tracing-the-origins-of-female-genital-cutting-how-it-all-started/

https://www.healthline.com/health/circumcision#pros-and-cons

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