National Pollution Control day क्यों मनाया जाता है ?

National Pollution Control Day : नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले है National Pollution Control day की आप सब को पता है की आजकल प्रदूषण की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है जिससे हमारे लिए सांस भी लेना मुश्किल हो रहा है पानी और हवा हर दिन क्षतिग्रस्त होते जा रहे हैं इसके कारण हमारे बीच विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं.

इसलिए, दोस्तों हम सब नागरिकों, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों की जिम्मेदारी बनती की हम सब प्रदूषण को नियंत्रित करने में अपना योगदान दे और लोगों को जागरूक करें.

तो आइए दोस्तों आज जानते है की यह दिन क्यों मनाया जाता है, राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के इतिहास व 2021 के लिए रखी थीम के बारे में : National Pollution Control day kyu manaya jata hai

National Pollution Control day क्यों व कब मनाया जाता हैं

National Pollution Control day क्यों व कब मनाया जाता हैं

National Pollution Control day प्रतिवर्ष उन लोगों की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने भोपाल गैस त्रासदी में अपनी जान गंवाई थी, जब 2-3 दिसंबर 1984 की मध्यरात्रि को यूनियन कार्बाइड संयंत्र से घातक गैस मिथाइल आइसोसाइनेट का रिसाव हुआ था।

उस आपदा के प्रभाव को 36 से अधिक वर्षों के बाद भी महसूस किए जा रहे हैं अब भारत में हर साल 2 दिसंबर को पर्यावरण प्रदूषण और इसके विनाशकारी परिणामों के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने व आपदा के कारण अपना अस्तित्व खो चुके हजारों मनुष्यों को सम्मान देने के लिए राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया जाता है.

उद्देश्य : इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को प्रदूषण नियंत्रण अधिनियमों के महत्व के बारे, औद्योगिक आपदाओं के बारे व वायु | मिट्टी | ध्वनि | जल प्रदूषण की रोकथाम के बारे में जागरूक करना है।

वहीं  भारत में प्रदूषण से होने वाली मौतों पर नजर डालें तो बताया जाता हैं की देश में 15 लाख लोग हर साल प्रदूषण से अपनी जान गंवा देते हैं. वहीं अत्याधिक जहरीली गैसों के कारण दिल्ली के लोगों की औसत उम्र लगभग 9.5 साल तक कम हो गई है.

दुनिया के प्रदूषित शहर

विश्व स्तर पर दस में से नौ लोगों के पास स्वच्छ और सुरक्षित हवा नहीं है यानी की आप इन शहरों को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर कह सकते है 2020 में आईं एक रिपोर्ट के अनुसार

शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’,
51 और 100 को ‘संतोषजनक’,
101 और 200 को ‘मध्यम’,
201 और 300 को ‘खराब’,
301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’
401 और 500 को ‘गंभीर’ माना जाता है।

1 Hotan, China
2 Ghaziabad, India
3 Bulandshahr, India
4 Bisrakh Jalalpur, India
5 Bhiwadi, India
6 Noida, India
7 Greater Noida, India
8 Kanpur, India
9 Lucknow, India
10 Delhi, India
11 Faridabad, India
12 Meerut, India
14 Hisar, India
15 Kashgar, China
16 Manikganj, Bangladesh
17 Agra, India
18 Lahore, Pakistan
19 Bahawalpur, Pakistan
20 Muzaffarnagar, India

प्रदूषण नियंत्रण के लिए कोई क्या पहल कर सकता है?

  • लोगों को हमेशा किसी भी तरह के कचरे के लिए कूड़ेदान का इस्तेमाल करना चाहिए और इसे कभी भी सड़क पर या किसी जल निकाय के पास नहीं फेंकना चाहिए
  • जल प्रदूषण को रोकने के लिए हमें दूसरों को शिक्षित करना चाहिए कि किसी भी जलाशय में कुछ भी न फेंके और उन्हें हमेशा साफ रखने का प्रयास करें। पर्यावरण को बचाने के लिए हर हफ्ते समुद्र तट की सफाई के लिए अलग-अलग समूह बनाए जा सकते हैं।
  • वायु प्रदूषण के लिए, हम सभी को इससे होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ानी चाहिए। हमें यह दिखाना चाहिए कि वायु प्रदूषण से अस्थमा से पीड़ित लोग कैसे बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं।
  • लोगों को हमेशा किसी भी तरह के कचरे के लिए कूड़ेदान का इस्तेमाल करना चाहिए और इसे कभी भी सड़क पर या किसी जल निकाय के पास नहीं फेंकना चाहिए।
  • कई गैर सरकारी संगठन विभिन्न क्षेत्रों की सफाई के लिए पहल करते हैं।  इसलिए, आप पर्यावरण की रक्षा के लिए उनके साथ काम करने वाले स्वयंसेवकों से संपर्क कर सकते हैं।
  • ठोस कचरे को सही तरीके से उपचारित और प्रबंधित करने की आवश्यकता है और उसके लिए लोगों को रोजगार दिया जा सकता है, जिससे कई बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा।
  • किसी भी प्लास्टिक सामग्री का उपयोग करने के बजाय, लोगों को हमेशा पर्यावरण की खातिर जैविक, पर्यावरण के अनुकूल सामान के लिए जाना चाहिए।

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