Onam Festival Story : जानिए ओणम मनाने के पीछे की कहानी है ?

Onam Festival Story in Hindi : ओणम भारतीय राज्य केरल में मनाया जाने वाला एक वार्षिक हिंदू फसल उत्सव है, केरलवासियों के लिए यह एक प्रमुख वार्षिक कार्यक्रम व राज्य का आधिकारिक त्योहार है।

ओणम का फेस्टिवल 10 दिनों तक चलता है ओर यह त्योंहार केरल की सर्वश्रेष्ठ संस्कृति और परंपरा को सामने लाता है हिंदू किंवदंतियों से आकर्षित ओणम राजा महाबली ओर वामन की याद दिलाता है।

ओणम कब मनाया जाता है

ओणम महोत्सव मलयालम कैलेंडर के पहले महीने की शुरुआत में मनाया जाता है, जिसे “Chingam” कहा जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर अनुसार अगस्त -सितंबर में और भारतीय हिंदू कैलेंडर अनुसार भाद्रपद या भादों में ये दिन आता है।

Onam ka  Tyohar 10 दिनों तक चलता है, जो Atham के दिन से शुरू होकर Thiru Onam पर समाप्त होता है। Atham ओर Thiru Onam के दिन को इस फेस्टिवल के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता हैं।

इस साल Onam Festival 2023 में, रविवार 20 अगस्त से शुरू होकर गुरुवार 31 अगस्त को समाप्त होगा।

तो आइए दोस्तो जानते है, आज  के इस लेख में ओणम उत्सव से जुड़ी पौराणिक कथाओं के बारे में – Onam festival Story In Hindi…

Onam Festival Story In Hindi | ओणम स्टोरी इन हिंदी

Onam Festival Story In Hindi : ऐसा माना जाता है कि एक बार एक बुद्धिमान और उदार असुर राजा, महाबली रहते थे। वह राजा अपनी प्रजा से बहुत सम्मानित था और उसके राज्य में हर कोई खुश था।

राजा महाबली की बढ़ती लोकप्रियता देख देवताओं को चुनौती महसूस होनी लगी थी। तब देवताओं ने भगवान विष्णु से मदद मांगी, क्योंकि उनकी पूजा राजा महाबली किया करता था।

तब भगवान विष्णु ने वामन नामक एक गरीब ओर बौने ब्राह्मण का अवतार लिया और सुबह की प्रार्थना के बाद राजा महाबली के राज्य में आये, ओर भेष बदलकर आए भगवान विष्णु ने उतनी ही भूमि मांगी, जितनी उनके तीन चरणों से ढँकी जा सके। राजा ने ऐसा करने का वचन दे दिया।

Onam Festival Story In Hindi
Onam Festival Story In Hindi

अचानक, वामन का आकार विशाल हो गया। उसने अपने एक कदम से पूरे आकाश को ढँक लिया ओर दूसरे से उसने पूरी पृथ्वी को ढँक लिया था। फिर उसने अपना तीसरा कदम रखने के लिए राजा महाबली से जगह मांगी।

तब राजा महाबली को अहसास हुआ की यह कोई साधारण ब्राह्मण नहीं है और उसने वामन से अपना तीसरा कदम अपने सिर पर रखने को कहा।

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तब लड़के ब्राह्मण ने ऐसा ही किया, सिर पर पैर रखते ही राजा महाबली को पाताल लोक में धकेल दिया। तब भगवान विष्णु राजा महाबली की उदारता से प्रसन्न हुए ओर उन्हें वरदान दिया।

तब अपने लोगों के साथ गहराई से जुड़े, राजा महाबली ने कहा कि वह हर साल केरल ओर उसके लोगों की यात्रा करना अपने वरदान के रुप में चाहते है, तब भगवान विष्णु ने राजा की इस इच्छा को स्वीकार किया था।

ओर हर साल यह दिन राजा महाबली की घर वापसी का दिन, जिसे हर साल ओणम | Onam Festival के रूप में मनाया जाता है।

ओणम त्योंहार से जुडी एक अन्य पौराणिक कथा | Onam Festival Story In Hindi

Onam Festival Story In Hindi | ओणम पौराणिक कथा

राजा महाबली से जुड़ी एक ओर कथा है, लेकिन यह कहानी एक अलग दृष्टिकोण के साथ है। कहा जाता है की राजा महाबली एक बुद्धिमान और विवेकपूर्ण शासक थे, इसके साथ वे बहुत अहंकारी भी थे। वह भगवान विष्णु का बड़ा भक्त था और भगवान अपने भक्त को पाप से छुड़ाना चाहते थे।

तब भगवान विष्णु ने वामन नामक एक गरीब ओर बौने ब्राह्मण का अवतार लिया और राजा महाबली से भूमि का एक टुकड़ा मांगा। अहंकारी राजा ने उस गरीब ब्राह्मण से कहा की वह जितनी चाहे उतनी जमीन मांग सकता है, मांगे उसे कितनी जमीन चाहिए।

वामन गरीब ब्राह्मण ने उत्तर दिया कि महाराज उसे केवल उतनी ही भूमि चाहिए जो उसके 3 चरणों से ढकी जा सकती है। इस पर राजा हँसे ओर उसे ऐसा करने का वचन दिया।

तब वामन ब्राह्मण का आकार बढ़ गया। उसने अपने एक कदम से पूरे आकाश को व दूसरे से पूरी पृथ्वी को ढँक लिया। तब राजा महाबली ने महसूस किया कि यह कोई साधारण ब्राह्मण नही हैं।

तब राजा ने तीसरा कदम रखने के लिए अपना सिर अर्पित कर दिया ओर भगवान विष्णु ने राजा को पाताल लोक में धकेल दिया।

यह राजा के लिए एक आशीर्वाद साबित हुआ, उसे जीवन और मृत्यु के चक्र से मुक्त कर दिया। यह घटना हर वर्ष केरल में ओणम पर्व के रूप में मनाई जाती है, जिसमें लोग खुशियाँ मनाते हैं, इस पर्व पर व्यंजन बनाते हैं और खेल-खिलौनों का आनंद लेते हैं।

कुल मिलाकर, ओणम एक परंपरागत त्योहार है जो सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व के साथ-साथ गांव की समृद्धि और खुशी का प्रतीक है।

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