Why India Celebrating Republic Day : हम में से कई लोगों के लिए, जब गणतंत्र दिवस आता है, तो हमारे स्कूल के दिनों की यादें ताज़ा हो जाती हैं, जब हम स्कूल के मैदान में होने वाले गणतंत्र दिवस के ध्वजारोहण समारोह को देखने के लिए स्कूल की ओर दौड़ पड़ते थे और गर्व के साथ राष्ट्रगान गाते थे। इस दिवस पर स्कूलों कॉलेजों में किए जाने वाले वो देशभक्ति नाटक और नृत्य हमारे लिए आज भी राष्ट्र के लिए गर्व को व्यक्त करने का माध्यम बनते है।
लेकिन अब हम बड़े हो गए हैं और गणतंत्र दिवस मनाने का तरीके में बदलाव आया है, आजकल हम संदेशों के माध्यम से या सोशल मीडिया पर एक-दूसरे को “गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं” देते हैं। अपने आसपास होने वाले ध्वजारोहण समारोहों की तस्वीरें वीडियोज भारत से दूर रहने वाले अपने दोस्तों या परिवार के साथ साझा कर सकते हैं। लेकिन आज भी सबका उत्सव का सार लोकतंत्र और एकता के मूल्यों में निहित है।
गणतंत्र दिवस पर आज के इस लेख में, हम इस दिन के बारे में थोड़ा जानने का प्रयास जानेंगे – इस दिन का इतिहास, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है, इस दिन का महत्व, यह भारत में कैसे मनाया जाता है और भी बहुत कुछ…?
भारत का गणतंत्र दिवस – इतिहास
जैसे ही हम गणतंत्र दिवस – इतिहास में प्रवेश करते हैं, हम 26 जनवरी 1950 के उस महत्वपूर्ण क्षण में वापस चले जाते हैं जिसने देश को बदल दिया था। यह वह दिन था जब भारत का संविधान लागू हुआ, जो संवैधानिक राजतंत्र से गणतंत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक था। गणतंत्र दिवस यानी रिपब्लिक डे या इसे 26 जनवरी भी कहा जाता है। यह दिवस भारत में एक राष्ट्रीय पर्व है जो 26 जनवरी 1950 को “भारतीय संविधान” को अपनाने का जश्न मनाता है।
यह तारीख भारत के एक ब्रिटिश उपनिवेश से गणतंत्र में परिवर्तन का प्रतीक है। इस दिन राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर एक भव्य परेड आयोजित होती है, जहां भारत के विभिन्न राज्यों, विभिन्न सांस्कृतिक और सामाजिक समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाली झांकियां प्रदर्शित की जाती हैं। भारत के राष्ट्रपति इस दिन “राष्ट्र के नाम संबोधन” देते हैं।
नई दिल्ली में परेड के अलावा इस दिन, देश भर में देशभक्ति परेड, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं के साथ गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इस दिन स्कूल और सरकारी कार्यालय का काम बंद रहता हैं और सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। भारतीय सशस्त्र बल भी औपचारिक परेड और फ्लाई पास्ट करके समारोह में भाग लेते हैं।
नई दिल्ली में परेड का एक मुख्य आकर्षण भारत की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन है। भारत के विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाली झांकियां उनकी अनूठी कला, संस्कृति और परंपराओं को प्रदर्शित करती हैं। इस परेड में विभिन्न सैन्य हथियारों और उपकरणों के प्रदर्शन के साथ-साथ स्कूली बच्चों द्वारा पारंपरिक नृत्य और संगीत का प्रदर्शन भी होता है।
इस दिवस पर राष्ट्रपति द्वारा उन लोगों को वीरता पुरस्कार और नागरिक सम्मान भी प्रदान किए जाते हैं, जिन्होंने राष्ट्र के लिए असाधारण योगदान दिया है। कुल मिलाकर आप कह सके हैं, भारत का गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय गौरव और देश की विविधता और एकता के उत्सव का दिन है।
भारतीय संविधान के बारें में
26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान लागू होने के साथ ही भारत को पूर्ण गणराज्य घोषित कर दिया गया था। यही वजह है कि प्रतिवर्ष इस खास दिवस की याद में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस या रिपब्लिक डे मनाया जाता है। 1947 में मिली भारत को आजादी के बाद देश को लोकतांत्रिक बनाने के लिए देश का संविधान बनाना शुरू किया गया।
भारतीय सविधान 2 साल 11 महीने ओर 18 दिन में बन-कर तैयार हुआ, भारत के संविधान को 26 नवंबर 1949 में देश की संविधान सभा द्वारा स्वीकार किया गया, भारतीय संविधान पर 24 जनवरी 1950 में 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे। इसमें 15 महिलाएं भी शामिल थीं। इसके बाद 26 जनवरी 1950 को पूर्ण रूप से संविधान लागू हुआ।
26 जनवरी का यह दिन 26 जनवरी 1930 के उस दिन की याद दिलाने के लिए चुना गया था। जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इस दिन 1930 में पूर्ण स्वराज घोषणा की घोषणा की थी, इसे प्रथम स्वतंत्रता दिवस के रूप में भी जाना जाता है। यह तारीख भारत की पूर्ण स्वतंत्रता की मांग को चिह्नित करती है।
• भारतीय संविधान को प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने अपने हाथ से लिखा था। वह उस समय के सबसे मशहूर कैलिग्राफी आर्टिस्ट थे।
• संविधान के प्रत्येक पृष्ठ पर कलाकृति नंदलाल बोस के नेतृत्व में शांतिनिकेतन के कलाकारों द्वारा बनाई गई।
• 1950 से 1954 के बीच स्वत्रंता के कार्यक्रम (लाल किला , रामलीला मैदान , इरविन स्टेडियम , किंग्सवे) में आयोजित किया गए।
• बाद में इरविन स्टेडियम का नाम मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम और “किंग्सवे” का नाम बदलकर राजपथ किया गया और अब राजपथ को “कर्तव्यपथ” कहा जाता है।
• साल 1955 से राजपथ में स्थायी रूप से परेड को शामिल किया गया (राजपथ को इस समय किंग्सवे नाम से जाना जाता था), तब पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मुहम्मद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया।
• गणतंत्र दिवस परेड के आयोजन के लिए रक्षा मंत्रालय जिम्मेदार है। गणतंत्र दिवस पर सलामी राष्ट्रपति देते हैं (21 तोपों की सलामी) वहीं स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री सलामी देते है।
• राज्यों की राजधानी में गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज राज्यपाल फहराते हैं
Why India Celebrating Republic Day 2024
इस साल 2024 में भारत अपना 75 वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस मौके पर भारत किसी न किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाता है। ये रिवाज वर्षों से चला आ रहा है. इस साल फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन को 75वें गणतंत्र दिवस की परेड में मुख्य अतिथि होंगे।
देशभर में 26 जनवरी 2024 को आज 75वां गणतंत्र दिवस मनाया जायेगा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दूसरी बार राजपथ पर तिरंगा फहराएंगी। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन मुख्य अतिथि के अलावा हैं। 13 हजार स्पेशल अतिथि भी आएंगे। इस बार गणतंत्र दिवस की थीम ‘विकसित भारत’ और भारत-लोकतंत्र की मातृका (जननी) तय की गई है।
26 जनवरी का यह दिन उस दिन को चिह्नित करने के लिए मनाया जा रहा है जब साल 26 जनवरी 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ था, जिससे भारत एक गणतंत्र बना। इस दिन, राजधानी नई दिल्ली में एक भव्य परेड आयोजित की जाती है, भारत की राष्ट्रपति देश की उपलब्धियों व चुनौतियों की बात करेगी और उन लोगों को पुरस्कार और नागरिक सम्मान प्रदान करेंगी है। जिन्होंने राष्ट्र के लिए असाधारण योगदान दिया है। गणतंत्र दिवस लोगों के लिए भारतीय गणतंत्र के मूल्यों ओर सिद्धांतों पर विचार करने और देश की एकता और विविधता का जश्न मनाने का भी दिन है।
भारत में गणतंत्र दिवस के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
सवाल: भारत में गणतंत्र दिवस क्या है?
जवाब: भारत में गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को भारत के संविधान की प्रभावशीलता की स्मृति में एक राष्ट्रीय अवकाश है। यह एक संवैधानिक राजतंत्र से एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य में परिवर्तन का प्रतीक है।
सवाल: भारत में गणतंत्र दिवस कब मनाया जाता है?
जवाब: गणतंत्र दिवस प्रतिवर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। इस वर्ष शुक्रवार 26 जनवरी 2024 को 75 वां गणतंत्र दिवस मनाया जायेगा।
सवाल: गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है?
जवाब: 26 जनवरी का यह दिन उस दिन की याद दिलाने के लिए चुना गया था जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1930 में पूर्ण स्वराज घोषणा की घोषणा की थी, जो भारत की पूर्ण स्वतंत्रता की मांग को चिह्नित करती थी। यह स्वतंत्रता और स्वशासन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
सवाल: गणतंत्र दिवस का क्या महत्व है?
जवाब: भारत में यह दिन गहरा महत्व रखता है क्योंकि यह देश की एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में स्थापना का प्रतिनिधित्व करता है। ये संविधान में निहित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के मूल्यों पर जोर देता है।
सवाल: भारत का पहला गणतंत्र दिवस कब मनाया गया था?
जवाब: भारत का पहला गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को मनाया गया था, जो भारत के संविधान की प्रभावशीलता को दर्शाता है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति का पद संभाला था।
सवाल: भारत में गणतंत्र दिवस कैसे मनाया जाता है?
जवाब: भारत में गणतंत्र दिवस बड़े ही हर्षोंउल्लास भव्यता और देशभक्ति के साथ मनाया जाता है। इस दिन सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम नई दिल्ली में होती है – यहां एक शानदार परेड जो की भारतीय पारंपरिक वाद्य-यंत्रों के साथ देश की सांस्कृतिक विविधता सैन्य ताकत व तकनीकी उपलब्धियों को प्रदर्शित करती है। देश भर में भी लोग अपने आसपास के स्कूलों कॉलेजों या अन्य संगठनों द्वारा किए जानें वाले ध्वजारोहण समारोहों, परेड, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और सामुदायिक कार्यक्रमों विभिन्न गतिविधियों में भाग लेते है।
सवाल: क्या गणतंत्र दिवस पर भारत में सार्वजनिक अवकाश है?
जवाब: जी हाँ दोस्तों, गणतंत्र दिवस भारत में एक राष्ट्रीय सार्वजनिक अवकाश है। सरकारी कार्यालयों, स्कूलों और व्यवसाय बंद रहते है, ताकि लोगों को उत्सव में भाग लेने और आनंद लेने की अनुमति मिल सके।