Why India Celebrating Republic Day : रिपब्लिक डे यानी की गणतंत्र दिवस या 26 जनवरी, यह दिवस भारत में एक राष्ट्रीय पर्व है जो 26 जनवरी 1950 को “भारतीय संविधान” को अपनाने का जश्न मनाता है। यह भारत के एक ब्रिटिश उपनिवेश से गणतंत्र में परिवर्तन का प्रतीक है। इस दिन राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में कर्तव्य- पथ पर एक भव्य परेड आयोजित की जाती है, जहां भारत के विभिन्न राज्यों, विभिन्न सांस्कृतिक और सामाजिक समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाली झांकियां प्रदर्शित की जाती हैं। भारत के राष्ट्रपति भी इस दिन “राष्ट्र के नाम संबोधन” देते हैं।
नई दिल्ली में परेड के अलावा इस दिन, देश भर में देशभक्ति परेड, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं के साथ गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इस दिन स्कूल और सरकारी कार्यालय का काम बंद रहता हैं और सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। भारतीय सशस्त्र बल भी औपचारिक परेड और फ्लाई पास्ट करके समारोह में भाग लेते हैं।
नई दिल्ली में परेड का एक मुख्य आकर्षण भारत की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन है। भारत के विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाली झांकियां उनकी अनूठी कला, संस्कृति और परंपराओं को प्रदर्शित करती हैं। इस परेड में विभिन्न सैन्य हथियारों और उपकरणों के प्रदर्शन के साथ-साथ स्कूली बच्चों द्वारा पारंपरिक नृत्य और संगीत का प्रदर्शन भी होता है। इस बार रिपब्लिक डे 2023 समारोह में कुल 27 झांकियां निकाली जायेगी इन झांकियां में 23 कल्चरल झांकियां होंगी।
इस दिन भारत के राष्ट्रपति द्वारा उन लोगों को वीरता पुरस्कार और नागरिक सम्मान भी प्रदान किए जाते हैं, जिन्होंने राष्ट्र के लिए असाधारण योगदान दिया है। कुल मिलाकर, भारत का गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय गौरव और देश की विविधता और एकता के उत्सव का दिन है।
भारतीय संविधान के बारें में
26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान लागू होने के साथ ही भारत को पूर्ण गणराज्य घोषित कर दिया गया था। यही वजह है कि प्रतिवर्ष इस खास दिवस की याद में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस या रिपब्लिक डे मनाया जाता है। साल 1947 में मिली भारत को आजादी के बाद देश को लोकतांत्रिक बनाने के लिए देश का संविधान बनाना शुरू किया गया।
भारतीय सविधान 2 साल 11 महीने ओर 18 दिन में बन-कर तैयार हुआ, भारत के संविधान को 26 नवंबर 1949 में देश की संविधान सभा द्वारा स्वीकार किया गया, भारतीय संविधान पर 24 जनवरी 1950 में 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे। इसमें 15 महिलाएं भी शामिल थीं। इसके बाद 26 जनवरी 1950 को पूरे देश में यह संविधान लागू किया गया था।
- प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने भारतीय संविधान को हाथ से लिखा। वह उस समय के मशहूर कैलिग्राफी-आर्टिस्ट थे।
- साल 1950 की गणतंत्र दिवस परेड राजपथ पर नहीं हुई थी, बल्कि इरविन स्टेडियम में हुई थी। अब इस जगह का नाम मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम रख दिया गया है।
- वह “किंग्सवे” का नाम बदलकर ही राजपथ किया गया, जिसे अब “कर्तव्यपथ” कहा जाता है। इस बार कर्तव्यपथ पर यह पहली परेड होगी।
- साल 1955 में पहली बार राजपथ पर परेड हुई, तब पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मुहम्मद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।
Why India Celebrating Republic Day 2023
इस साल 2023 में भारत अपना 74 वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। वहीं नई दिल्ली के राजपथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि हैं मिस्र के राष्ट्रपति जिनका नाम “अब्देल फतेह अल सिसी” हैं।
आज भारत 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु सुबह 10:30 बजे तिरंगा फहराया जाएगा। और यह जगह होगी कर्तव्य- पथ। इसके बाद परेड व झाकियों का कार्यक्रम शुरू हो जायेगा। और यह कार्यक्रम करीब दिन के 12 बजे तक चलेगा। मिस्र के राष्ट्रपति – अब्देल फतेह अल सिसी आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हैं। गणतंत्र दिवस परेड में राज्यों, विभागों व आर्म्ड फोर्सेस की कुल 27 झांकियां निकाली जायेगी। इन झांकियां में 23 कल्चरल झांकियां होंगी।
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यह 26 जनवरी का दिन उस दिन को चिह्नित करने के लिए गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है जब साल 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ था, जिससे भारत एक गणतंत्र बना। इस दिन, राजधानी नई दिल्ली में एक भव्य परेड आयोजित की जायेगी, भारत के राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू भाषण देंगी, देश की उपलब्धियों व चुनौतियों की बात होगी और राष्ट्रपति उन लोगों को पुरस्कार और नागरिक सम्मान प्रदान करेंगी। जिन्होंने राष्ट्र के लिए असाधारण योगदान दिया है। गणतंत्र दिवस लोगों के लिए भारतीय गणतंत्र के मूल्यों ओर सिद्धांतों पर विचार करने और देश की एकता और विविधता का जश्न मनाने का भी दिन है।