Earthquake In Jaipur: जयपुर में आया भूकंप, तेज झटकों से हिला पूरा शहर, लोग घरों से आए बाहर?

Earthquake in Jaipur 21 July 2023: जयपुर शहर समेत राजस्थान में शुक्रवार तड़के भूकंप के तेज झटके महसूस किये गये। घरों से बाहर निकले लोगों ने कहा धरती के अंदर से महसूस की गई अजीब सी अवाजें, स्थानीय लाेगों के अनुसार एक के बाद एक भूकंप के 3 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए।

लोगों ने बताया कि जमीन से अजीब सी आवाजें महसूस की गई, जयपुर में भूकंप 21 जुलाई, 2023 की सुबह 4 बजकर 9 मिनट पर करीब 10 किलोमीटर की गहराई पर आया।

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने कहा कि राजस्थान की राजधानी जयपुर में रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 4.4 आंकी गई वही इसके बाद भूकंप का दूसरा झटका सुबह 4 बजकर 22 मिनट पर 3.1 तीव्रता का झटका मापा गया। वहीं अभी तक भूकंप से किसी भी प्रकार के नुकसान की खबर नहीं आई है।

Earthquake in Jaipur 21 july

Earthquake in Jaipur : 16 मिनट में भूकंप के 3 झटके

जयपुर सहित राजस्थान के कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गये। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार जयपुर में पहला भूकंप सुबह 4 बजकर 9 मिनट पर आया था। रिएक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.4 नापी गई। वही दूसरे भूकंप के झटके की तीव्रता 3.1 रही जो की 9 बजकर 22 मिनट पर आया वहीं भूकंप का तीसरा झटका 9 बजकर 25 मिनट पर आया जिसकी तीव्रता 3.4 आंकी गई, भूकंप का केंद्र जयपुर बताया गया।

जयपुर में भूकंप के तीन बार झटके आने की वजह से लोग सहम गए, सभी लोग घरों से बाहर निकल गए कोई पार्क में जाकर बैठे तो कई लोग आसपास के मैदानों में जाकर बैठ गये।

जयपुर में अब तक के भूकंप

जयपुर अब तक कई भूकंप आए नीचे कुछ ऐसे भूकंपों के बारे में जानकारी दी है, जो जयपुर शहर में आए…..

• 21 जुलाई 2023 जयपुर भूकंप, 4.4 तीव्रता रही।

• 14 जुलाई 2023 जयपुर भूकंप, 2.7 तीव्रता रही

• 28 मार्च, 2023 जयपुर भूकंप, 2.3 तीव्रता रही

• 17 अक्टूबर, 2022 जयपुर भूकंप, 3.6 तीव्रता, रही

•12 सितम्बर, 2022 जयपुर भूकंप, 2.9 तीव्रता रही

• 29 जून, 2022 जयपुर भूकंप, 3.7 तीव्रता रही

• साल 2001 में जयपुर भूकंप, 4.8 तीव्रता रही

• साल 1996 में जयपुर भूकंप, 3.5 तीव्रता रही

• साल 1975 में जयपुर भूकंप, 4.8 तीव्रता रही

क्यों आते है भूकंप

अगर हम साधारण शब्दों में कहें तो भूकंप का अर्थ पृथ्वी की सतह में कंपन आना। यह एक प्राकृतिक घटना है, जिसमें पृथ्वी के अंदर से ऊर्जा के निकलने के कारण तरंगें उत्पन्न होती है, जो सभी चारों और फैलकर पृथ्वी में कंपन पैदा करती हैं।

भूकंप से उत्पन्न होने वाली तरगों को भूकंपीय तरगें कहा जाता है, जो की पृथ्वी की सतह पर गति करती हैं, इन्हें भूकंप मापी यंत्र से मापा जाता है जिसे ‘सिस्मोग्राफ’ कहा जाता है।

पृथ्वी की के नीचे का स्थान जो भूकंप का मुख्य केंद्र होता है, उसे Hypocenter कहते है वहीं पृथ्वी की सतह का वह स्थान जहां भूकंपीय तरगें सबसे पहले पहुँचती है उसे “अधिकेंद्र” कहा जाता है।

भूकंप एक्सपर्ट की मानें तो धरती के अंदर सात प्लेट्स होती हैं, जो की 24×7 घंटे धीमी चाल से धीरे धीरे खिसकती रहती हैं, जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन Fault line (भ्रंश रेखा) कहा जाता है।

जब ये प्लेट्स एक दूसरे से ज्यादा टकराती है तो इनके कोने मुड़ते और ज्यादा दबाव बनता है, प्लेट्स टूटने लगती हैं. इसी के बाद ऊर्जा उत्पन्न होती है तरंगे उत्पन्न होती है और भूकंप आते है।

भूकंप एक्सपट्‌र्स का मानना है कि राजस्थान में भूकंप की संख्या बढ़ी है, लेकिन इससे ज्यादा खतरा नहीं है। राजस्थान को भूकंप से काफी सुरक्षित जोन माना गया है। जैसे जोन-2, 3, 4 और जोन-5…. इनमे सबसे ज्यादा खतरे वाला जोन-5 में शामिल क्षेत्र को रहता है। यहां हमेशा तेज भूकंप का खतरा रहता है।

लेकिन राजस्थान के कुछ क्षेत्रों को जोन-2 वहीं कुछ क्षेत्रों को जोन 3 में रखा गया हैं, वहीं रेतीली जमीन के कारण भी राजस्थान में आने वाले भूकंप की तीव्रता कम हो जाती है। वह इन क्षेत्रों में जान माल का नुकसान वैसा नहीं होता, जैसा कि भारत देश के दूसरे क्षेत्रों में होता है।

वहीं, राजस्थान का काफी क्षेत्र अरावली पर्वत माला की पहाड़ीयों से घेराव के भी यहां भूकंप का असर कम होता है। हालांकि राज्य के मेवाड़ के पास सुखड़ी व आबू क्षेत्र को भूकंप के लिहाज से एक संवेदनशील क्षेत्र माने जाता हैं।

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