12 January National Youth Day :- युवा दिवस युवाओं की समस्याओं को पहचानने, कानूनी मुद्दों पर उनकी समझ विकसित करने व उन्हें उनकी संस्कृति के बारे में जागरूक करने के लिए मनाया जाता है।
एक युवा होने का अर्थ होता है विशाल क्षमताएँ, जिज्ञासाएँ, अनंत संभावनाएँ, ऊर्जा, रचनात्मकता, हिम्मत और धैर्य भरा होना।
युवा दिवस कई देशों में मनाया जाता है। लेकिन तारीख अलग-अलग देशों में अलग-अलग होती है। अगर भारत की बात करें तो भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस पर मनाया जाता है। वहीं अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस 12 अगस्त को मनाया जाता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्रीय युवा दिवस एक आधिकारिक अवकाश नहीं है, लेकिन कुछ संगठनों व समुदायों द्वारा इस दिन को युवा लोगों को सम्मानित करने और सामुदायिक सेवा या नेतृत्व में उनकी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता हैं।
भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस पर मनाया जाता है, साल 1984 में भारत सरकार ने इस दिन को “नेशन यूथ डे” के रूप में घोषित किया और 1985 से यह दिवस हर साल भारत में मनाया जाता है।
आज के लेख में हम बात करने वाले है भारतीय राष्ट्रीय युवा दिवस| 12 January National Youth Day के बारें में, यह दिवस क्यों मनाया जाता हैं, स्वामी विवेकानंद कौन थे उनके बारें में जानने का प्रयास करेंगे।
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Swami Vivekanand कौन थे
स्वामी विवेकानन्द एक महान भारतीय योगी, धार्मिक विचारक और विश्वप्रसिद्ध वक्ता थे, उन्होंने भारतीय संस्कृति और धर्म को पश्चिमी दुनिया में प्रस्तुत किया। उन्होंने चिकित्साशास्त्र, ज्योतिष और वेदांत के विचारों का प्रसार किया और विश्व में भारतीय धार्मिकता की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
स्वामी विवेकानद जन्म 12 जनवरी,1863 को नरेंद्रनाथ दत्ता के रूप में हुआ था. वे 19वीं सदी के रहस्यवादी रामकृष्ण परमहंस के प्रमुख शिष्य थे।
विवेकानंद ने हमारी मातृभूमि के उत्थान के लिए शिक्षा पर सबसे अधिक जोर दिया. उन्होंने एक मानव-निर्मित चरित्र-निर्माण शिक्षा की वकालत की।
वह साल 1897 में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। यह एक संगठन है जो की मूल्य आधारित शिक्षा • संस्कृति • स्वास्थ्य • महिला सशक्तिकरण • युवा • आदिवासी कल्याण और राहत व पुनर्वास के क्षेत्र में काम करता है।
सन् 1902 में बेलूर मठ में स्वामी विवेकानंद का निधन हो गया। पश्चिम बंगाल में स्थित यह बेलूर मठ, रामकृष्ण मठ व रामकृष्ण मिशन का मुख्यालय है।
2023, 12 January National Youth Day
जैसा कि भारत सरकार ने उद्धृत व महसूस किया कि स्वामी जी के दर्शन और जिन आदर्शों के लिए वे रहते थे जो काम करते थे, वे भारतीय Youth के लिए प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत होंगे।
यह दिन भारत के लोगों के बीच भारत में संस्कार के महत्व के बारे में ज्ञान प्राप्त करने व जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है। वहीं “नेशनल यूथ डे” हर युवा पीढ़ी को कई विचारों व योजनाओं के बारे में बताने के लिए मनाया जाता है ताकि हर क्षेत्र को सही तरीके से विकसित करने के लिए एक उचित योजना तैयार की जा सके।
राष्ट्रीय युवा दिवस उत्सव
राष्ट्रीय युवा दिवस भारत में हर साल कई स्कूलों और कॉलेजों में कई भाषणों, प्रस्तुतियों, संगीत, योगासन, युवा सम्मेलनों को साथ बड़े धूम धाम से मनाया जाता है।
वहीं राष्ट्रीय युवा दिवस राष्ट्र के उन लोगों के लिए एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए सहयोग प्रदान करने के लिए किया जाता है, जिन्हें अपने माता-पिता और शिक्षकों से बहुत अधिक शिक्षा की आवश्यकता होती है।
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हर किसी का सपना होता है कि वह एक महान ऊंचाई पर पहुंचे, और वे अपनी गतिविधि में बेहतर तरीके से प्रदर्शन करना चाहते हैं। इसलिए देश के विकास के लिए जरूरी है कि एक मजबूत और बेहतर राष्ट्र बनाने के लिए राष्ट्र के युवाओं का विकास किया जाए।
National Youth Day 2023 Theme
राष्ट्रीय युवा दिवस भारत में 12 जनवरी को, एक आध्यात्मिक नेता और दार्शनिक के जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है, जिन्हें भारत में हिंदू धर्म के पुनरुत्थान में एक प्रमुख शक्ति माना जाता है। वहीं हर बार राष्ट्रीय युवा दिवस पर एक विशेष Theme रखी जाती है। आप नीचे National Youth Day 2023 Theme के बारे में जान सकते है।
थीम 2023 | विकसित युवा, विकसित भारत |
थीम 2022 | “यह आपके मन में है” |
थीम 2021 | “युवाः-उत्साह नये भारत का” |
थीम 2020 | “राष्ट्र निर्माण के लिए युवा शक्ति को चैनलाइज़ करना” |
National Youth Day Quotes in Hindi
“कुछ भी हो जो की आपको शारीरिक • बौद्धिक व आध्यात्मिक रूप से कमजोर बनाता हो, उसे जहर के रूप में अस्वीकार करें”
– स्वामी विवेकानंद
“दिन में कम से कम एक बार खुद से बात करें। नहीं तो आप इस दुनिया के किसी बेहतरीन व्यक्ति से मिलने से चूक सकते हैं “
– स्वामी विवेकानंद
“जब तक आप खुद पर भरोसा नहीं करते, तब तक आप भगवान पर भरोसा नहीं कर सकते “
– स्वामी विवेकानंद
“आपकी मदद कौन कर रहा है, उन्हें मत भूलना। आप को कौन प्यार कर रहा है, उनसे नफरत मत करना। कौन आप पर विश्वास कर रहा है, उन्हें धोखा मत करना “
– स्वामी विवेकानंद
“आपको अंदर से बाहर निकलना होगा। कोई भी आपको सिखा सकता है, कोई भी आपको आध्यात्मिक बना सकता है कोई अन्य शिक्षक नहीं बल्कि आपकी अपनी आत्मा है”
– स्वामी विवेकानंद
“हम अपने विचारों ने हमें क्या बनाया है; तो आप जो सोचते हैं उसके बारे में ध्यान रखें। शब्द सेकेंडरी हैं। विचार रहते हैं: वे दूर यात्रा करते हैं”
– स्वामी विवेकानंद
“हृदय व मस्तिष्क के बीच संघर्ष में, अपने हृदय का अनुकरण करें “
– स्वामी विवेकानंद
“दुनिया का सबसे बड़ा धर्म अपने स्वभाव के प्रति ईमानदार होना है इसलिए अपने आप पर भरोसा रखों”
– स्वामी विवेकानंद
“स्वतंत्र होने का साहस करों, जहाँ तक तुम्हारा विचार है, वहाँ तक जाने की हिम्मत करो और फिर उसे अपने जीवन में ग्रहण करने का साहस करों “
– स्वामी विवेकानंद
“वे अकेले जीते हैं, जो दूसरों के लिए जीते हैं “
– स्वामी विवेकानंद
“किसी भी चीज़ से मत डरो, आप अद्भुत काम करेंगे। निडरता ही पल-भर में स्वर्ग ले आती है”
– स्वामी विवेकानंद
“जो आग हमें गर्म करती है, वह हमें भी ऐश यानी की भस्म कर सकती है, यह आग का दोष नहीं है”
– स्वामी विवेकानंद
आखरी शब्द…
कहा गया है:- जीवन में यदि संघर्ष न रहे, तो जीवित रहना ही व्यर्थ है, संघर्ष ही जीवन है…..!
जीवन में यदि संघर्ष न रहे, तो जीवित रहना ही व्यर्थ है. याद रखें की असफलताएं छोटी फिसलनें हैं इसलिए असफलताओं की चिंता न करें, वे बिलकुल स्वाभाविक है आदर्श को सामने रखकर हजार बार आगे बढ़ने का प्रयत्न करें…..!
यदि आप हजार बार भी असफल होते हो, तो एक बार फिर से प्रयत्न करें। कमजोरी का इलाज कमजोरी का विचार करना नहीं बल्कि शक्ति का विचार करना है जो कि मनुष्य में पहले से ही है।
मानवजाति के आज तक के इतिहास में महान पुरुषों और स्त्रियों के जीवन में यदि सब से बड़ी प्रवर्तक शक्ति कोई है, तो वह आत्मविश्वास है। यह एक बड़ी सच्चाई है…..!
शक्ति ही जीवन और कमजोरी ही मृत्यु है। ‘जड़’ यदि शक्तिशाली है, तो ‘विचार’ सर्वशक्तिमान है। इस विचार को अपने जीवन में उतारें। इच्छाशक्ति ही सब से अधिक बलवती है। इसके सामने हर एक वस्तु झुक सकती है, क्योंकि वह ईश्वर और स्वयं ईश्वर से आती है। परंतु इसके लिए अभ्यास अत्यावश्यक है। यदि आप प्रतिदिन घंटों बैठकर उपदेश सुनते रहें, पर उसका अभ्यास न करें तो एक पग भी आगे नहीं बढ़ सकते यह सब अभ्यास पर ही निर्भर है.