नव वर्ष कविता – मैं नव वर्ष मनाने निकला हूँ ?

नव वर्ष कविता:- मैं नव वर्ष मनाने निकला हूँ : साल, 2022 खत्म हो चुका है, नए साल में सभी लोग जमकर जश्न मना रहे हैं। ऐसे में दोस्तों सभी लोग अपने चाहने व जानने वालो को अलग – अलग अंदाज में बधाई व शुभकानाएं देना चाहते हैं।

अगर आप भी नए साल के संदेश, फोटो, शायरी व कविताओं के माध्यम अपनों को नये वर्ष की ढेरों शुभकामनाएं देना चाहते हैं तो हम आपके लिए आज लाए एक शानदार नव वर्ष कविता *’मैं नव वर्ष मनाने निकला हूँ’* तो आइए दोस्तों जानते है।

*’ मैं नव वर्ष मनाने निकला हूँ ‘*

लो बीत गया है वर्ष पुराना,
मैं नववर्ष मनाने निकला हूँ,
बदले बदले लोगों के सिर्फ अंक कैलेंडर के,
मैं अंतर्द्वंद बदलने निकला हूँ|

मैंने छोड़ दिए मतभेद पुराने,
मैं रिश्तों की नव-सौगात रचाने निकला हूँ,
सदियों से छाए रिश्तों पर बन दिनकर,
मैं कोहरा छाँटने निकला हूँ|
लो बीत गया है वर्ष पुराना,
मैं नव वर्ष मनाने निकला हूँ

झूठे वादे-नातों के इस जहरीले जग में
छोड़ ईर्ष्या-छल, मैं सत्य प्रेम परोसने निकला हूँ
मेरे महकते मार्ग में मलीनता मिलाने वालों 
मैं तुम्हारे कीच में पंकज खिलाने निकला हूँ|
लो बीत गया है वर्ष पुराना,
मैं नव वर्ष मनाने निकला हूँ

अपने अमित्रों को बना मीत मैं
शत्रुता का मर्दन करने निकला हूँ,
मैं नहीं पैगंबर अवतार कोई,
मानव हूँ, मानवता का संदेश लेकर निकला हूँ|
लो बीत गया है वर्ष पुराना,
मैं नववर्ष मनाने निकला हूँ

मैं भूल पराया अपना सबका
जग आलिंगन करने निकला हूँ,
मैं नीरस कपटी लोक को
निश्चल सरस बनाने निकला हूँ|
लो बीत गया है वर्ष पुराना,
मैं नववर्ष मनाने निकला हूँ

मैं बुरी बीती बातें बिसरा कर
नव इतिहास गढ़ने निकला हूँ,
लो बीत गया है वर्ष पुराना
मैं नववर्ष मनाने निकला हूं|

नया साल की शुभकामनाएं

मेरे दिल के करीब आप सभी स्वजनों को नववर्ष की हृदय से शुभकामनाएं। यह साल आपके लिए खुशियाँ, धन-धान्य, व्यापार, वैभव, यश, कीर्ति, ऐश्वर्य, एवं समृद्धि से भरपूर हो , आप स्वस्थ रहे, मस्त रहे, तंदरुस्त रहे तथा जीवन रूपी सागर में आने वाली समस्त बाधाओं को हौसले रूपी नाव पर सवार होकर पतवार रूपी अपनों की पहचान कर अपने लक्ष्य या नव बुलन्दियों को प्राप्त हो।

नव वर्ष कविता - मैं नव वर्ष मनाने निकला हूँ ?

नया साल मुबारक हो दोस्त !

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