Panchayati Raj Diwas : राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 2023

Panchayati Raj Diwas 2023 : भारत में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस हर साल 24 अप्रैल को संविधान (73वां संशोधन) अधिनियम, 1992 के पारित होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिसने भारत में पंचायती राज व्यवस्था को संस्थागत रूप दिया। पंचायती राज व्यवस्था सरकार का एक विकेन्द्रीकृत रूप है, जिस में स्थानीय शासन को गांव, ब्लॉक और जिला स्तर पर निर्वाचित प्रतिनिधियों को सौंपा जाता है…!

पंचायती राज प्रणाली का उद्देश्य जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को बढ़ावा देना व स्थानीय समुदायों को उनके जीवन को प्रभावित करने वाली निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेने के लिए सशक्त बनाना है। इसे स्व-शासन और आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जाता है।

पंचायती राज दिवस पंचायती राज व्यवस्था की सफलता का जश्न मनाने और विकास प्रक्रिया में स्थानीय शासन के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने का दिवस है। वहीं यह निर्वाचित प्रतिनिधियों के योगदान को पहचानने व जमीनी स्तर पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया में नागरिकों की अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने का भी दिन है।

राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 2023

• भारत में हर वर्ष 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस मनाया जाता है।

• साल 1993 में 24 अप्रैल को 73 वाँ संविधान संशोधन अधिनियम 1992 लागू हुआ था।

• पंचायती राज दिवस का उद्देश्य स्थानीय स्वशासन व लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण को सम्मान देना है।

• भारत सरकार का पंचायती राज मंत्रालय सामाजिक न्याय व सेवाओं के कुशल वितरण के साथ समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए पंचायती राज संस्थानों के सशक्तीकरण, सक्षमता व जवाबदेहिता के उद्देश्य के साथ कार्य करता है।

• भारत में पहला राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस साल 2010 में मनाया गया था।

स्थानीय शासन, पंचायती राज संस्थाएँ & पंचायती राज पुरस्कार

• महात्मा गांधी ने गाँवों को छोटे गणराज्यों के रूप में देखा था व सच्चे लोकतंत्र की पहचान हर एक गाँव व उसके वासियों की सक्रिय भागीदारी में महसूस की थी।

• गाँव ओर जिला स्तर के शासन को स्थानीय शासन कहा जाता हैं स्थानीय शासन जन साधारण के सबसे नजदीक का शासन है। स्थानीय शासन की मान्यता है कि स्थानीय ज्ञान ओर स्थानीय हित लोकतांत्रिक फैसला लेने के लिए अनिवार्य हैं।

• पंचायती राज संस्थाएँ स्थानीय सरकारी संस्थाएँ हैं जो सुशासन, सामाजिक समावेश, लिंग गुणवत्ता ब आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

• ग्रामीण जनसंख्या के जीवन को बदलने वाले सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय स्वशासन का मज़बूत होना बहुत ज़रूरी माना गया है।

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राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पुरस्कार

राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर पंचायती राज मंत्रालय देश भर में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली पंचायतों/राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को उनके अच्छे कार्यों के लिए विभिन्न पुरस्कार प्रदान करती है, आप नीचे राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर दिए जानें वाले पुरस्कार के नाम देख सकते हैं-

• दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार

• नाना जी देशमुख राष्ट्रीय-गौरव ग्राम-सभा पुरस्कार

• बाल हितैषी ग्राम पंचायत पुरस्कार

• ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार

• ई-पंचायत पुरस्कार (केवल राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को)

73वाँ संविधान संशोधन व पंचायती राज

• 73वें संविधान संशोधन द्वारा संविधान में ‘पंचायतों’ शीर्षक से भाग IX जोड़ा गया था।

• लोकतांत्रिक प्रणाली की मूल इकाई ग्राम सभा यानी की गाँव है।

• अनुच्छेद 243B के मुताबिक, 20 लाख से कम जनसंख्या वाले राज्यों को छोड़कर अन्य में गाँव, मध्यवर्ती ब्लॉक/तालुक/मंडल व जिला स्तर पर पंचायतों की त्रि-स्तरीय प्रणाली होगी।

• अनुच्छेद 243C (2) के मुताबिक, सभी स्तरों पर सीटों को प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा भरा जायेगा।

• अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण व कुल सीटों की ⅓ सीटों पर महिलाओं को आरक्षण।

• पंचायतों को 11वीं अनुसूची (अनुच्छेद 243 G) में उल्लिखित विषयों के संबंध में आर्थिक विकास व सामाजिक न्याय की योजना तैयार करने के लिए अधिकृत किया गया है।

• अनुच्छेद 243K के मुताबिक, निर्वाचक नामावली के अधीक्षण, निर्देशन व नियंत्रण के लिए प्रत्येक राज्य में स्वतंत्र चुनाव आयोग का प्रावधान है।

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